शनिवार, मार्च 29, 2014

दिन में नहीं शुभ-अशुभ

एक ने कहा
नहीं होता शुभ
कोई भी दिन
हर दिन
कुछ न कुछ
घटा होता है
कुछ न कुछ बुरा
मृत्यु भी तो
मिली होती है
किसी न किसी को
हर दिन !

दूसरे ने कहा
नहीं होता अशुभ
कोई भी दिन
हर दिन
कुछ न कुछ
घटा होता है
कुछ न कुछ शुभ
जन्म भी तो
हुआ होता है
किसी न किसी का
हर दिन !

तीसरे ने कहा
सारे के सारे
शुभ-अशुभ घटते हैं
इन्हीं सात दिनों
माह-वर्ष
दशक-सदियों
युग-युगान्तरों में
जो चलते रहते हैं
अपनीं धुन में
अटकता-भटकता तो
महज जीवन है !

मैं
साथ हूं
उस तीसरे आदमी के
जो देख रहा है
शुभ-अशुभ को
अपनी देह में
भटकते हुए
और निकल रहा है
समय उसके पासंग से !

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