'कागद’ हो तो हर कोई बांचे….
शुक्रवार, अक्तूबर 03, 2014
गुरुवार, अगस्त 28, 2014
कुं.चन्द्रसिंह बिरकाळी जयन्ति 27 अगस्त
हनुमानगढ़ , 27 अगस्त । आधुनिक राजस्थानी कविता के प्रणेता एवम "लू" ," बादळी" व "कहमुकरणीं" जैसी सशक्त काव्यकृतियों के रचियता जिलै के ख्यात नाम रचनाकर प्रकृति के चितेरे कवि कुंवर चन्द्रसिंह बिरकाळी की जयन्ति 27 अगस्त बुधवार सायं 5 बजे मरुधरा साहित्य परिषद ,अखिल भारतीय साहित्य परिषद व अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष स्मिति की मोट्यार परिषद द्वारा संयुक्त रूप से हनुमानगढ़ के सुरेशिया स्थित मिल्टन लाइब्रेरी मे समारोह पूर्वक मनाई गई । इस समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार गोपाल झा ने की तथा विख्यात चित्रकार एवम मूर्तिकार रामकिशन अडिग मुख अतिथि व राजस्थानी मोट्यार परिषद के प्रदेश संयोजक अनिल जांदू विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे । इस अवसर पर बडी़ संख्या में क्षेत्र के साहित्यकार , साहित्य प्रेमी एवम गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए तथा मिल्टन लाइब्रेरी मे स्थापित कुंवर चन्द्रसिंह की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की । जयन्ति समारोह के दौरान आकस्मिक रूप से हुई बारिश होने लगी तो वक्ताओं ने टिप्पणियां की "अपने काव्य में प्रकृति का चित्रण सजीवता से करने वाले प्रकृति के चितेरे कवि कुंवर चन्द्रसिंह बिरकाळी की जयन्ति पर प्रत्यक्ष रूप से "बादळी" उपस्थित हो गई ।"
इस अवसर पर युवा कवि राजू सारसर "राज" ने "कुंवर चन्द्रसिंह बिरकाळी का कृतित्व एवम व्यक्तित्व" विषय पर तथा, डा. गौरीशंकर निम्मीवाल ने "कुंवर चन्द्रसिंह बिरकाळी आधुनिक राजस्थानी कविता के प्रणेता " विषय पर सारगर्भित पत्र वाचन किए । वरिष्ठ साहित्यकार ओम पुरोहित कागद एवम दीनदयाल शर्मा ने कुंवर चन्द्रसिंह बिरकाळी से सम्बन्धित संस्मरण सुनाए । बिरकाळी से पधारे युवा रचनाकार ने कुंवर चन्द्रसिंह बिरकाळी की काव्य कृतियों "लू" ," बादळी" व "कहमुकरणीं" से चयनित दोहे सुनाए ।
इस अवसर पर द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । देर रात तक चली इस काव्य गोष्ठी में ओम पुरोहित कागद , दीनदयाल शर्मा , नरेश मेहन , गुरदीप सोहल , गोपाल झा , रामकिशन अडिग ,राजू सारसर "राज" , चैनसिंह शेखावत , अनिल जांदू , डा. गौरीशंकर निम्मीवाल , हरीश हैरी , दुष्यन्त जोशी , सूर्य प्रकाश जोशी , अशोक परिहार सहित अनेक स्थानीय कवियों तथा मिल्टन लाइब्रेरी के पाठक बच्चों ने कविता पाठ कर उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया । काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा ने की तथा संचालन साहित्यकार नरेश मेहन ने किया ।
इस अवसर पर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति की मोट्यार परिषद के प्रदेश संयोजक अनिल जांदू ने राजस्थानी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल न किए जाने से राजस्थान के बेरोजगार युवकों व ग्रामीण राजस्थानी लोगों को हो रहे प्रत्यक्ष नुक्सान गिनाते हुए आम नागरिकों से संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वाहन किया । मरुधरा साहित्य परिषद के अध्यक्ष ओम पुरोहित कागद ने कार्यक्रम के अंत में उपस्थित साहित्यकारों , मिल्टन लाइब्रेरी के पाठक बच्चों एवम श्रोताओं आभार व्यक्त किया ।
इस अवसर पर युवा कवि राजू सारसर "राज" ने "कुंवर चन्द्रसिंह बिरकाळी का कृतित्व एवम व्यक्तित्व" विषय पर तथा, डा. गौरीशंकर निम्मीवाल ने "कुंवर चन्द्रसिंह बिरकाळी आधुनिक राजस्थानी कविता के प्रणेता " विषय पर सारगर्भित पत्र वाचन किए । वरिष्ठ साहित्यकार ओम पुरोहित कागद एवम दीनदयाल शर्मा ने कुंवर चन्द्रसिंह बिरकाळी से सम्बन्धित संस्मरण सुनाए । बिरकाळी से पधारे युवा रचनाकार ने कुंवर चन्द्रसिंह बिरकाळी की काव्य कृतियों "लू" ," बादळी" व "कहमुकरणीं" से चयनित दोहे सुनाए ।
इस अवसर पर द्वितीय सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । देर रात तक चली इस काव्य गोष्ठी में ओम पुरोहित कागद , दीनदयाल शर्मा , नरेश मेहन , गुरदीप सोहल , गोपाल झा , रामकिशन अडिग ,राजू सारसर "राज" , चैनसिंह शेखावत , अनिल जांदू , डा. गौरीशंकर निम्मीवाल , हरीश हैरी , दुष्यन्त जोशी , सूर्य प्रकाश जोशी , अशोक परिहार सहित अनेक स्थानीय कवियों तथा मिल्टन लाइब्रेरी के पाठक बच्चों ने कविता पाठ कर उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया । काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा ने की तथा संचालन साहित्यकार नरेश मेहन ने किया ।
इस अवसर पर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति की मोट्यार परिषद के प्रदेश संयोजक अनिल जांदू ने राजस्थानी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल न किए जाने से राजस्थान के बेरोजगार युवकों व ग्रामीण राजस्थानी लोगों को हो रहे प्रत्यक्ष नुक्सान गिनाते हुए आम नागरिकों से संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वाहन किया । मरुधरा साहित्य परिषद के अध्यक्ष ओम पुरोहित कागद ने कार्यक्रम के अंत में उपस्थित साहित्यकारों , मिल्टन लाइब्रेरी के पाठक बच्चों एवम श्रोताओं आभार व्यक्त किया ।
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