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** बैल आदमी नहीं है **
बैल को
नहीं जोतना था खेत
नहीं जाना था
मंडी अनाज बेचने
नहीं करनी थी
यात्रा किसी गांव की
फिर भी वो जुत गया
मन को मार
साध कर मौन !
बैल आदमी नहीं है
जो करे सवाल
सवाल करना
काम जो ठहरा आदमी का
सवाल तो ये भी हैं
सदियों से अनुत्तरित ;
बैल क्या तुम भी चाहते हो
अपने लिए आज़ादी ?
दर्द के साथ
क्यों उठाते हो
लगातार इतना बौझ ?
तुम मौन क्यों हो बैल ?
behtareen rachna
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