शुक्रवार, मार्च 29, 2013

सुख देता है अहंकार

हर सुबह
ले कर आती है
नया सुख और नया दुख 
सुख को हम 
भोग लेते हैं पल भर में
मगर दुख का रोना
बैठे रहते हैं ले कर
दिन भर !


दुख मांजता है मन को
सुख लीलता है तन को
फिर भी सुख प्यारा है !

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