'कागद’ हो तो हर कोई बांचे….
शुक्रवार, जून 21, 2013
घर
घर
घर है
और
बाहर
बाहर ही
दोनोँ का
अपनी अपनी जगह रहना
बहुत जरूरी है
घर से बाहर होने पर
घर साथ रहे तो
घर कभी
बिखरता नहीँ
और यदि
घर लौटते वक्त
बाहर भी
घर के भीतर
आ जाए तो
कभी कभी
बिखर जाता है घर ।
2 टिप्पणियां:
आत्ममुग्धा
शुक्रवार, जून 21, 2013 8:37:00 pm
सौ टके की बात ......
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आत्ममुग्धा
शुक्रवार, जून 21, 2013 8:37:00 pm
सौ टके री बात
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सौ टके की बात ......
जवाब देंहटाएंसौ टके री बात
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