चार हिन्दी कविताएं
(1)
कल्पनाआसमान में उड़ना
चाहत है मेरी
ऊंचाईयां छूना
कल्पना है मेरी।
ए खुदा
वो कदम दे
जिन से चल कर
वहां तक पहूंच सकूं
जहां से शुरु होती हैआसमान की ऊंचाईयां।
ये हवा चुराती
हरी-हरी टहनी
हरे-हरे पत्ते
उन पर खिला गुलाब
फ़िर सोचूं-मैं टहनी
तुम गुलाब
तुम खुशबू
मैं ध्राण।
ये हवा चुराती
तुम को मुझ से
फ़िर लौटाती
महकाती जगती।
अपने बीच
महक चुराती-बांटती
किस के संग जाएगी
किस के पासंग गाएगी।फ़िर सोचूं-
तुम हवा
जो नहीं ठहरी
मेरी देहरी
महकी जितनी।
(3)
आप
आपका भोलापन
किसी बच्चे के हाथों
फिसली
मासूम तितली
फ़िर फ़ंसी जैसा।
तुम्हारा अपनापन
पहाडों में गूंजती
जैसे अपनी ही आवाज।
तुम्हारे बोल
जैसे आतुर की नमाज
खुदा क्यों न सुने आज।
(4)
यात्रा फ़ूल की
कभी पूजा में
कभी ठोकरों में
खत्म नहीं होती
यात्रा फ़ूल की।
कभी घास पर
कभी आसमान में
रुकती नहीं
यात्रा धूल की।
फ़ूल में
घूल रमती
फूल भी रमेगा धूल में
तब होगी शायद खत्म
यह यात्रा असीम
क्या तब हो जाएगी खत्म
यात्रा धूल ओर फूल की?
चार फूल हैं ये कविताये और नहीं मुरझाने वाला गुलदस्ता बना रही हैं .खुसबू से ज़हन ओ दिल खुश्तर हुआ है मस्त हुआ है .
जवाब देंहटाएंओम जी, आपकी रचनाएँ तो हमेशा ही काबिले तारीफ़ होती हैं, बेहतरीन!
जवाब देंहटाएंआप की चारो कविताये बहुत सुंदर लगी,धन्यवाद
जवाब देंहटाएंwaah !
जवाब देंहटाएंshaandaar rachna
कल्पना.. हवा.. आप और फूल.. चारो कवितायेँ सुन्दर.. खास तौर पर कल्पना कविता बेहतरीन अहि..
जवाब देंहटाएंप्रणाम !
जवाब देंहटाएंचारों कविताए अलग अलग मूड की है . . अपनी आंचलिकता शब्दावली लिए सुंदर लगती है . साधुवाद
सादर
सर्वे भवन्तु सुखिनः । सर्वे सन्तु निरामयाः।
जवाब देंहटाएंसर्वे भद्राणि पश्यन्तु । मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें, और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े .
नव - वर्ष 2011 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
-- अशोक बजाज , ग्राम चौपाल
very nice..
जवाब देंहटाएंआपने तो पूरी जिंदगी से ही हमारा परिचय करवा दिया शब्दों का खुबसूरत ताना बाना अच्छा लगा !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई !
नव वर्ष मंगलमय हो !
सुन्दर शब्दों की बेहतरीन शैली ।
जवाब देंहटाएंभावाव्यक्ति का अनूठा अन्दाज ।
बेहतरीन एवं प्रशंसनीय प्रस्तुति ।
हिन्दी को ऐसे ही सृजन की उम्मीद ।
धन्यवाद....
satguru-satykikhoj.blogspot.com
आपकी चारों कविताएं बहुत अच्छी लगी !
जवाब देंहटाएंबधाई !
आपकी चारों कविताएं बहुत अच्छी लगी ! खास तौर पर कल्पना कविता..
जवाब देंहटाएंभाई साहब, आपका ब्लॉग देखता-पढता तो रहा हूँ,लेकिन कभी कोई टिप्पणी नहीं की. आपके ब्लॉग पे मैं टिप्पणी करूँ भी क्या....!बस इतना कह सकता हूँ कि सुकून मिलता है यहाँ आकर .
जवाब देंहटाएंसादर.