'कागद’ हो तो हर कोई बांचे….
गुरुवार, जून 20, 2013
आओ बात करें
आओ
गौत्र-जातियां
धर्म-सम्प्रदाय
पद-प्रतिष्ठा को छोड
कभी आदमी बन
बैठ कर बात करें ।
देखो
कितना मुश्किल वक्त है
बनना पड़ रहा है
आज फिर आदमी
जब कि हम थे ।
आओ
बैठ कर हिसाब लगाएं
क्या क्या खोया है
हम ने अब तक
कुछ और बनने के लिए ।
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