शुक्रवार, जून 21, 2013

बाजार का धर्म

ईद और दिवाली पर
बाजार ही छाया रहा
हर बार की तरह
इस बार भी
ऑफर पर ऑफर
छूट पर छूट
ढकी रही
भीतर छुपी लूट
गला काट महंगाई में भी
जम कर हुई बिक्री
डट कर हुई खरीद ।

बाज़ार में आ कर
धर्म भूल गए
ईद पर हिन्दुओं ने
दिवाली पर मुस्लिमों ने
भरपूर लाभ उठाया
ऑफर और छूट का ।

खरीददारी के वक्त
हिन्दू ने नहीं कहा
ईद पर दी जा रही छूट
मुस्लमानों के लिए है
हम नहीं लेंगे यह छूट
दिवाली पर
छूट लेता मुस्लिम
एक बार भी नहीं ठिठका ।

बाजार में आ कर
सब खो गए
साजिद और सुरेश
बाजार के हो गए
दोनों के धर्म
एक हो गए ;
ऑफर पर खरीदी
खरीदी पर छूट !

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