'कागद’ हो तो हर कोई बांचे….
गुरुवार, जून 20, 2013
मां की वे मीठी लोरियां
मां
सुनाया करती थी
कुछ पल लोरियां
तब
आ भी जाया करती थी
गहरी नींद
आज
बीवी खिलाती है
नींद के लिए
डाक्टर की सुझाई
कई-कई गोलियां
आती नहीं फ़िर भी
पल भर नींद
कितनी कारगर थीं
विज्ञान की गोलियों से
मां की वे मीठी लोरियां !
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