'कागद’ हो तो हर कोई बांचे….
गुरुवार, जून 20, 2013
धूप में पेड़
धूप में
सूखते हुए
पेड़
ने
बादलों से कहा
तुम कुछ तो
तरस खाओ
मेरे लिए नहीं
अपने वज़ूद के लिए
जरा सा
बरस जाओ !
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