आज
देश के लिए
जान देने की नहीं
जान लेने की
दरकार है ।
जान दे कर
क्या इस देश को
उन के हवाले
छोड़ जाएंगे
जो इस देश को
लूट-लूट खाएंगे ?
देश के लिए
जान देने की नहीं
जान लेने की
दरकार है ।
जान दे कर
क्या इस देश को
उन के हवाले
छोड़ जाएंगे
जो इस देश को
लूट-लूट खाएंगे ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें