रविवार, मार्च 30, 2014

थमेगा नहीं समय

समय तो चलता रहा
अपने वेग से सतत
न ठहरा कहीं
न कटा किसी से
हम ही पालते रहे
समय को ले कर
अपने-अपने भ्रभ ;
थम गया समय
निकल गया समय
कट गया समय
या कि कट नहीं रहा
आज कल समय !

कितने आए
कितने ही चले गए
समय का रोना रोते हुए
इसी तरह हम भी
चले जाएंगे एक दिन
समय तो रहेगा फिर भी !

हमारे कर्म लग जाएंगे
चलते समय के हाथ
जिन्हे वह ढोएगा
अपने अदृश्य कंधों पर
तब होंगे नए लोग
समय पर चर्चा करने वाले
जो लगे होंगे हमारी तरह
समय का रोना
इसी तरह रोने में
अपने-अपने धंधों पर
सतत लगे हुए
समय थमेगा नहीं फिर भी !

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