1. जिस घर में कभी बजे थे घनघना कर थाल खूब पका था माल आज उस घर में मौन हैं सारे बर्तन उदास है चूल्हा ! 2. आज भी घर से निकले थे बच्चे ले कर बस्ता दोपहर का टिफिन लौटते थे सांझ ढले मेरी गौद में आज क्यों आया है केवल बस्ता ज्योँ का त्यों टिफिन कब लौटेंगे बच्चे पूछ-पूछ हारी मां ! 3. बस में जाते थे बच्चे हमेशा आज बेबस हैं माँ !
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