रविवार, जनवरी 29, 2012

एक हिन्दी कविता

* ठंड में याद *




आज फिर


पौष में धुंध छाई


आज फिर


उनकी याद आई !






वो मेरा मफलर-टोपी


स्वेटर-कोट पुराना


ऊनी पट्टू-लोई


अम्मां के हाथों भरी


सिरख-रजाई !






अदरख-कालीमिर्च


भाप छोड़ती चुस्कियां


वो चाय अम्मां वाली


संग में तवे उतरा


ताज़ा कड़क परांठा


खा कर फिर ले अंगड़ाई !






बाड़ छोड़ कर


जले अलाव


भोर-सांझ बैठ हो हथाई


घर-गुवाड़-देश-दुनिया


सब मसले मेटे हथाई !






कौन भागा


भागी किस के संग


कौन अभागा-निरभागा


कौन आया-जाया


खोले राज हथाई !






वोट पड़ेंगे


जम गई चौसर


नेता आया-नेता आया


औढ़ दुसाला


सरपंच बोला


बाजी पलटो अबके भाई


राम दुहाई-राम दुहाई !

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