रविवार, अप्रैल 01, 2012

समय

[>0<] समय [>0<]

समय के साथ
कुछ चीजें
देखते ही देखते
बदल जाती हैं
जैसे बदल गई
मेरे घर की बैठक
जिसमें बैठते-बतियाते थे
कभी दादा जी
बताते थे सभी को ;
आज का समय
बहुत बुरा !

चारपाई से उतर
न जाने कब
दादा जी टंग गए
दीवार पर
तस्वीर को निहार
पिताजी कहते रहे
कितना अच्छा था
आपका समय
आज का समय
बहुत बुरा है !

धीरे-धीरे
पिताजी चले गए
एलबम में
नाती-पोतों के संग
पिताजी दिखते थे
निहारते सब की आंखों में
देखते ही देखते
पिताजी की तस्वीर
टंग गई दादाजी के बाजू
भुरभुराती दीवार पर !

आज
मेरे ही सामने
मेरे अंशियों ने
बदल दिए एलबम
बुढ़ाए फोटो फ्रेम से
बदल दिए फोटो
उन में जड़ दिए
खली-माइकल जैक्सन
फिल्मी हस्तियों के चित्र
पिछले गांव की
तस्वीर वाले फ्रेम में
जड़ दी सीनरी
आस्ट्रेलिया में
डूबते सूरज की ।

आज मैं
निहारता हूं
दादाजी व पिताजी की
दोनों तस्वीरें
आंकता हूं समय को
किस से कहूं ;
सच मे समय आज
अच्छा नहीं
बिल्कुल अच्छा नहीं !

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