.
बस इश्क करेंगे
==========
आओ
खाएं कसम
न जीएंगे
न मरेंगे
बस
होगा जितना
इश्क करेंगे !
पहला इश्क
धरती के नाम
जितना काटेंगे
उतना बोएंगे
जब भी कटेगा
कोई पेड़ हरा
खून के आंसू रोएंगे !
दूजा इश्क
मुल्क के नाम
शान न इसकी
जाने देंगे
पैसा इसका
ना खाने देंगे
रिश्वत को
अखाद्य बनाएंगे ।
तीजा इश्क
नत्थू के नाम
जितना लेंगे
उस से काम
उतना दाम धरेंगे !
चौथा इश्क
अजन्मों के नाम
उनको भी देंगे
आने का अधिकार
कन्या भ्रूण बचाएंगे
जो जाई बेटी
घर अपने
कांसा थाल बजाएंगे !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें