मंगलवार, सितंबर 25, 2012

अपना घर


हर कोई
बहुत खुश है
अपने ही घर में
आदमी तो बहुत जादा !

घर से बिछुड़ते वक्त

होता है उदास

रोता है बहुत
जब होता है
घर से बहुत दूर
घर की याद में
घर का आदमी ।

कुछ आदमी
अपने घर
कांच के बर्तन में
रखते हैं मछलियां
जो नहीं है
उनका घर
मछलियों का दर्द
अपने दर्द सा
क्यों नहीं समझता आदमी !

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वक्त गुजरेगा ;
इसी इंतजार में
न जाने कितने लोग
वक्त से पहले
गुज़र गए ।

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