आजकल
हर भले काम के
उद्घाटन व समापन पर
मुख्य अतिथि का होना
कितना जरूरी हो गया
इस सिलसिले में
मुख्य काम भी
गैरजरूरी हो गया !
मुख्य अतिथि के साथ
उतरवाई तस्वीरें
एल्बम में जमा हो
एक दिन
राजतिलक तक
करवाती नज़र आती हैं
शिलापट्टिका पर खुदा
मुख्य अतिथि का नाम
अटल रहता है
मगर उसका लगाया
एक मात्र पौधा
एकांत में मुरझा कर
दम तोड़ देता है
मुख्य अतिथि को भी
उद्घाटन व समापन पर
पौधा लगाना
बहुत भाता है
दुबारा मगर वह
उस पोधे को देखने
कभी नहीं आता है ।
रक्तदान का भी
होता है उद्घाटन
रक्तदाता एक
प्रेरक अनेक
खड़े हो जाते हैं उसे घेर
मुख्य अतिथि के साथ
जो हो जाते हैं गायब
कैमरे की क्लिक
और
मुख्य अतिथि के साथ
फिर चल पड़ती हैं
प्रेस विज्ञप्तियां
अगले दिन की
प्रतिष्ठा के लिए
ये अखबारी कतरने
सचमुच
बहुत काम आती हैं ।
मुख्य अतिथि के साथ
उतरवाई तस्वीरें
एल्बम में जमा हो
एक दिन
राजतिलक तक
करवाती नज़र आती हैं
शिलापट्टिका पर खुदा
मुख्य अतिथि का नाम
अटल रहता है
मगर उसका लगाया
एक मात्र पौधा
एकांत में मुरझा कर
दम तोड़ देता है
मुख्य अतिथि को भी
उद्घाटन व समापन पर
पौधा लगाना
बहुत भाता है
दुबारा मगर वह
उस पोधे को देखने
कभी नहीं आता है ।
रक्तदान का भी
होता है उद्घाटन
रक्तदाता एक
प्रेरक अनेक
खड़े हो जाते हैं उसे घेर
मुख्य अतिथि के साथ
जो हो जाते हैं गायब
कैमरे की क्लिक
और
मुख्य अतिथि के साथ
फिर चल पड़ती हैं
प्रेस विज्ञप्तियां
अगले दिन की
प्रतिष्ठा के लिए
ये अखबारी कतरने
सचमुच
बहुत काम आती हैं ।
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