मंगलवार, सितंबर 25, 2012

आज़ादी का अर्थ


दादा जी कहते थे
अपने बच्चों को
जादा आज़ादी मत दो
बच्चे बिगड़ जाएंगे
फिर देखना
यही बच्चे एक दिन
आपको खूब रुलाएंगे !


दादा जी चले गए
बच्चों के बच्चे
आजाद हो गए
मचा दिया
घर में कोहराम
फिर घर को
नहीं बचा सके राम !

आज

यही हाल देश का है
आजादी पच नहीं रही
शर्म बच नहीं रही
आजादी के अधाए लोग
उद्दंड हो गए
अपने ही सपने
खंड-खंड हो गए !

आजादी के बाद

स्वशासन नहीं
अनुशासन चाहिए था
वह नहीं आया
इसी लिए
आज़ादी का अर्थ
समझ नहीं आया !

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