हर सुबह
ले कर आती है
नया सुख और नया दुख
सुख को हम
भोग लेते हैं पल भर में
मगर दुख का रोना
बैठे रहते हैं ले कर
दिन भर !
दुख मांजता है मन को
सुख लीलता है तन को
फिर भी सुख प्यारा है !
ले कर आती है
नया सुख और नया दुख
सुख को हम
भोग लेते हैं पल भर में
मगर दुख का रोना
बैठे रहते हैं ले कर
दिन भर !
दुख मांजता है मन को
सुख लीलता है तन को
फिर भी सुख प्यारा है !
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