शुक्रवार, अप्रैल 25, 2014

*कोई शक नहीं*

चलने से पहले
दूरी पूछते हो
दूरी से पहले
भाड़ा पूछते हो
भाड़े से पहले
पैट्रोल के दाम पूछते हो
दाम से पहले
उस पर टैक्स पूछते हो
फिर खीझते हो
और चल पड़ते हो ।

गर्मी में रात
और
सर्दी में दिन
पसन्द करते हो
आज के लिए नहीं


कल के लिए
बहुत जमा करते हो
खुद नहीं खाते
इस लिए
मिलावट करते हो
वोट डाल कर
भूल जाते हो
भाषण सुनते हो
छले जाते हो
मगर विश्वास करते हो
अत्याचार करते नहीं
सहन करते हो
हक के लिए लड़ते नहीं
चिंता खूब करते हो
और दुबक जाते हो
जागते जरूर हो
मगर
सिर से गुजरने के बाद
इंडियन हो
कोई शक नहीं !

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