शुक्रवार, अप्रैल 25, 2014

* क्षणिकाएं *

1.
जब तक 
चारा था
चारा खाया
जब नहीं रहा
कोई चारा
तो बेचारा
गया मारा ! 
.
2.
जान बचाने
घुसा बिल में
बिल में था
सांप बेहोश
अचानक
उठ गया
कातर चूहे को
सांप डस गया !


.
3.
समाजवाद की
ले कर क्रेन
चला था उठाने
समाज को
बिगड़ गया
खुद का ब्रेन
समाज पीठ पर
आ बैठ गया
खुद उठ गए !
*दो क्षणिकाएं *
4.
हलकारे के पास
चलाने को है हल
मगर हल नहीं
नहीं चलने का !
5.
देश चलाने के लिए
उनके पास राज है
देश नहीं चल रहा
इस में भी राज है !

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