apnee mitti kee mehak liye..dil ko andar tak jhakjhortee bahut hee sundar...jaise mere apne hee dil kee baat..aapkee kavitaon se, aapkee aawaz se, nikal rahee ho...
aapne apni maati ka farz bahut hee bakhubee se nibhaayaa hai..aapka shukriya karne ke liye nih-shand hoon...bahut hee sundar bhaav... Aapkee prabhavshaali aawaqz paakar aapkee rachnayen aur adhik asarkaarak ho rahee hai..
बढ़िया कविता वाचन किया है आपने!!!आज अचानक आपके ब्लाग पर आने से पुरानी यादें ताज़ी हो गयी,जब सीमा सन्देश की लघु कथा प्रतियोगिता के सिलसिले में आपसे मिलना हुआ था!आपके ब्लाग के जरिये उधर के सब लोगों के बारे में भी जानकारिया मिली ,धन्यवाद!!
भोत सुणी कवितावां है. वाचन भोत जबरो है. कालीबंगां री सारी छटा अठै आप बिखेर दी है. घनी-घनी बधाई ब्लोगस्पोटिया बणण खातर. म्हारै ब्लॉग राजस्थानी रांधण पर भी निजर मारो कदी.
आदरजोग ओमजी ! ब्लॉग सागेड़ो ठायो है. पण आपरी रचनावां ब्लॉग सूं भी ज्यादा फूटरी. साँची केवूं तो आणंद आयगो. घणी घणी बधाई. आपणी मायड भाषा राजस्थानी ने इन्टरनेट तो अंगीकार कर ली पण भारत री संसद ने कद अक़ल आवसी?
Shandaar.... aapki to aawaj bhi Jandaar hai....
जवाब देंहटाएंhttp://rajasthanikavitakosh.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंaap mara blog par bhi padarso sa
shekhar kumawat
bahut sundar rachna he bhai sa
जवाब देंहटाएंgani gani aahi lagi mane
NamsKar........."KAGAD JI"
जवाब देंहटाएं.........Aaki Kavita Me Rogmrra Jeevan Ka
Chittran... Aam Adami Ki 'TADPEN'...Ke Sath Ek Jamini Judave ......
... Vackai... Dilchasap ....
.......Rajendra Parsad Suthar
(JAIPUR)
apnee mitti kee mehak liye..dil ko andar tak jhakjhortee bahut hee sundar...jaise mere apne hee dil kee baat..aapkee kavitaon se, aapkee aawaz se, nikal rahee ho...
जवाब देंहटाएंaapne apni maati ka farz bahut hee bakhubee se nibhaayaa hai..aapka shukriya karne ke liye nih-shand hoon...bahut hee sundar bhaav...
Aapkee prabhavshaali aawaqz paakar aapkee rachnayen aur adhik asarkaarak ho rahee hai..
aapka bahut baht aabhar!!
Sundar Blog ke liye hardik badhaee.Apki shresht kavitaon ke liye meri Shubkamnayen. http://deendayalsharma.blogspot.com
जवाब देंहटाएंhttp://tabartoli.blogspot.com
बढ़िया कविता वाचन किया है आपने!!!आज अचानक आपके ब्लाग पर आने से पुरानी यादें ताज़ी हो गयी,जब सीमा सन्देश की लघु कथा प्रतियोगिता के सिलसिले में आपसे मिलना हुआ था!आपके ब्लाग के जरिये उधर के सब लोगों के बारे में भी जानकारिया मिली ,धन्यवाद!!
जवाब देंहटाएंभोत सुणी कवितावां है. वाचन भोत जबरो है. कालीबंगां री सारी छटा अठै आप बिखेर दी है. घनी-घनी बधाई ब्लोगस्पोटिया बणण खातर. म्हारै ब्लॉग राजस्थानी रांधण पर भी निजर मारो कदी.
जवाब देंहटाएंShandar prastuti.blog par aane ka bahut dhnyavaad aapka.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ......!!
जवाब देंहटाएंआदरजोग ओमजी !
जवाब देंहटाएंब्लॉग सागेड़ो ठायो है. पण आपरी रचनावां ब्लॉग सूं भी ज्यादा फूटरी. साँची केवूं तो आणंद आयगो. घणी घणी बधाई. आपणी मायड भाषा राजस्थानी ने इन्टरनेट तो अंगीकार कर ली पण भारत री संसद ने कद अक़ल आवसी?
ਓਮ ਜੀ ,
जवाब देंहटाएंਬੜੀ ਖੁਸੀ ਹੋਈ ਜਾਂ ਕੇ ਕੀ ਤੁਸੀਂ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਵੀ ਲਿਖਦੇ ਹੋ .....ਮੇਰਾ ਵੀ ਪੰਜਾਬੀ ਦਾ ਬਲੋਗ ਹੈ .....ਪਰ ਪੰਜਾਬੀ ਵਿਚ ਪਕੜ ਘਟ ਹੈ .....!!
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जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुन्दर रचना ! बहुत बढ़िया लगा सुनकर! शानदार और जानदार आवाज़ में बेहतरीन प्रस्तुती! !
जवाब देंहटाएंgani gani achi lagi sa mane
जवाब देंहटाएंaap ne gani gani badhai
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
http://rajasthaniblog.feedcluster.com/
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