रविवार, जनवरी 29, 2012

हिन्दी गज़ल,






माया रचाई खोटी बाबा ।

पूंजी कमाई मोटी बाबा ।।

मेहनत करने वाले हारे ।

जुटी नहीं वहां रोटी बाबा।।

लोहा बेचे भाव सोने के ।

कैसी हुई कसोटी बाबा ।।

बिना बोटोँ के जीता नेता ।

खूब बैठाई गोटी बाबा।।

उनका भाग्य संवरा संवरा।

मेरी किस्मत छोटी बाबा।।

खेत आपका सांड ये चरतै ।

अपनी दिखाओ सोटी बाबा।।

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