बोल बता
======
हम सब यकसां
यकसां आए धरा पर
धरती ओ आकाश
अन्न-जल-हवा सांझी
सांसें अपनी-अपनी
लेते जेसे तैसे !
आंख मींच कर
रोटी छीनी
पानी झपट सारा
सांस हमारी
गिरवी तेरे
तेरे जुल्मों के आगे
क्यों नहीं वश हमारा ?
आज धरा पर
तू ही डोले
आंख मूंद कर
लेता नभ में झोले
बोल बता
कहां है हिस्सा मेरा
बिना खटै ही
हो गया कैसे तेरा ?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें