'कागद’ हो तो हर कोई बांचे….
रविवार, अक्तूबर 21, 2012
*सपना*
जब
सपने आते हैँ
तो
नीँद नहीँ आती
और
जब नींद आती है
तो
सपना नहीँ आता ।
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