याद
.
ना आऊंगा वो इतना कह गया ।
इस पर इधर इक समंदर बह गया ।।
यादों का नीर उड़ गया भाप बन ।
दिल में बस कसक का नमक रह गया ।
====================
भाग भाग कर जिंदगी , थक गई बेशुमार ।
मंजिल इसको ना मिली, मिली समय की मार ।।
घर तो मेरा है नहीं , सब कहें बारम्बार ।
यायावर मैं जगत में , जाना जग से पार ।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें