रविवार, जून 02, 2013

चलो चल कर देखें

चलो चल कर देखें
रोटी बेलने वालों को
रोटी मिली कि नहीं
कपड़ा बनाने वालों को
कपड़ा मिला कि नहीं
घर बनाने वालों को
घर मिला कि नहीं
इस सदी तक देश को
ढो लाने वालों को
अपना देश मिला कि नहीं
किसी को
कुछ नहीं मिला तो
चलो चल कर देखें
इतना सब गया कहां ?

नाश्ते में
देश को जीमने वाले
दो वक्त
किस का भाग्य जीमते हैं
चलो चल कर देखें
जिस वादे पर
वोट दिया था
वो वादा ज़िंदा है
या घड़े जा रहे हैं
नए वादे
पुराने वादे को
ढकने के लिए ।

आओ देखें
कवि की कविताएं
मनोरंजन से आगे
बढ़ी कि नहीं
लब-गेसू-नयन
कमर-पायल के बाद
तसला-गेंती
पसीना जैसे शब्दों को
कविता में पनाह
मिली कि नहीं
चलो चल कर देखें !

नए कविता संग्रह का
लोकार्पण नेता जी ने
अपने मंत्रालय में किया
वह कवि
पुरस्कृत हुआ कि नहीं
चलो चल कर देखें
मुख्यमंत्री का कौनसा चमचा
अकादमी अध्यक्ष बनेगा
चलो उसके विशेषण जुटाएं
लोकतंत्र है
कौन कैसे भुनाता है
चलो चल कर देखें !

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