गुरुवार, जून 06, 2013

भावना हार गई



कौन बडा़
मैं या तूं
इस बात पर
धन और भावन में
जंग छिड़ गई
बढी तकरार
धन जीता
भावना हार गई
हो गया तलाक
आज भावना अकेली
एक कौने में पडी़
सिसक रही है
चारों और धन की
चल रही है
भावना बेचारी
मर रही है !

कोई तो आगे बढ़
थाम लो हाथ
परित्यक्त भावना का
ताकि कुछ तो बचे
मानवता की संभाना का !

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