असीम प्यार
मैंने कहा
प्यार चाहिए
उस ने उड़ेल दिया
मैं बुहारता रहा
इर्द-गिर्द बिखरा
उसका असीम प्यार !
आज तलक
संजो नहीं पाया
उसका उन्मुक्त प्यार
छोटी पड़ गईं
मेरी अंजुरियां !
किसी ने
सच ही कहा है
नहीं होती सीमा
माँ के प्यार की
खूटता नहीं कभी
माँ का खजाना
माँ तो बिन मांगे भी
यूं ही लुटाती है प्यार !
माँ को नमन
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