चढ़ावे के लिए
चढ़ावा आता देख
मंदिर के देवता
कभी नहीं देखे गए
खुश होते हुए
जबकि
पुजारी के बच्चे
चढ़ावे के लिए आया
मिष्ठान देख कर
हर बार देखे गए
खुश होते हुए ।
माँ की बात
आती है याद ;
बच्चे ही होते हैं
भगवान का रूप !
*
पुजारी के बच्चे-2
===========
हाथ में लिए
फल-मिठाई का थैला
मंदिर में चढ़ावे के लिए
पुजारी को आता देख
मंदिर से कभी
बाहर नहीं आए
मंदिर के देवता ।
चढ़े हुए
चढ़ावे को ले कर
घर की ओर आते
पुजारी के स्वागत में
बापू आ गए
बापू आ गए / पुकारते
गली में निकल आए
पुजारी के बच्चे
पत्थर से नहीं बने थे
पुजारी के बच्चे !
चढ़ावा आता देख
मंदिर के देवता
कभी नहीं देखे गए
खुश होते हुए
जबकि
पुजारी के बच्चे
चढ़ावे के लिए आया
मिष्ठान देख कर
हर बार देखे गए
खुश होते हुए ।
माँ की बात
आती है याद ;
बच्चे ही होते हैं
भगवान का रूप !
*
पुजारी के बच्चे-2
===========
हाथ में लिए
फल-मिठाई का थैला
मंदिर में चढ़ावे के लिए
पुजारी को आता देख
मंदिर से कभी
बाहर नहीं आए
मंदिर के देवता ।
चढ़े हुए
चढ़ावे को ले कर
घर की ओर आते
पुजारी के स्वागत में
बापू आ गए
बापू आ गए / पुकारते
गली में निकल आए
पुजारी के बच्चे
पत्थर से नहीं बने थे
पुजारी के बच्चे !
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