जब छोटे थे
सच बोलने के लिए
सोचा नहीं कभी
निकल ही जाता था
खुद-ब-खुद सच
बड़े हुए तो
बहुत सोचना पड़ा
फिर भी
नहीं निकला सच ।
सच बोलना
आदत थी
इसी आदत के चलते
झूठ बोलना
मजबूरी हो गई ।
छोटे थे तब
बड़ी-बड़ी बातें करना
बहुत अच्छा लगता था
आज जब बड़े हुए हैं तो
छोटी बातें करना
बहुत अच्छा लगता है
सच में
जब से बड़े हुए हैं
तब से बहुत छोटे हुए हैं !
सच बोलने के लिए
सोचा नहीं कभी
निकल ही जाता था
खुद-ब-खुद सच
बड़े हुए तो
बहुत सोचना पड़ा
फिर भी
नहीं निकला सच ।
सच बोलना
आदत थी
इसी आदत के चलते
झूठ बोलना
मजबूरी हो गई ।
छोटे थे तब
बड़ी-बड़ी बातें करना
बहुत अच्छा लगता था
आज जब बड़े हुए हैं तो
छोटी बातें करना
बहुत अच्छा लगता है
सच में
जब से बड़े हुए हैं
तब से बहुत छोटे हुए हैं !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें