'कागद’ हो तो हर कोई बांचे….
गुरुवार, अप्रैल 10, 2014
यादें
जिनकी यादें
खो जाती हैं
वे सो जाते हैं
जिनकी यादें
हों रू-ब-रू
वे उन यादों में
खो जाते हैं !
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