'कागद’ हो तो हर कोई बांचे….
रविवार, अप्रैल 13, 2014
सोना
.
जो दिन भर
कहते रहे
सोना है
सोना है
वो रात भर
करवटें बदलते रहे
घर के बाहर
सोना लूटने
चोर भटकते रहे !
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