शुक्रवार, अप्रैल 25, 2014

*साफ दिखते बिम्ब*

1.
हाथ में थी
फिर भी
हाथ में नहीं थी
तकदीर की रेखा !
*
2.
उस के हाथ में
नहीं थी कोई रेखा
आखिर वक्त ने
लिख ही दी
गरीबी की रेखा !
*
3.
रिश्ते
खून के हैं
हमारे बीच
इसी लिए वे
आ जाया करते हैं
कभी-कभी पीने !
*
4.
बात प्रेम की थी
घर भें नहीं था प्रेम
वह तो
बाहर ही था कहीं
कभी-कभी आता था
उमड़-घुमड़ कर
बादल की तरह
कभी वह बरसता
कभी हम तरसते !
*
5.
वह नहीं लिखता
कभी कोई कविता
हर कविता में
रहता है मगर मौजूद !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें