'कागद’ हो तो हर कोई बांचे….
गुरुवार, अप्रैल 24, 2014
चलते हुए
चलते हुए लड़खड़ाने लगे हैं ।
नींद में भी बड़बड़ाने लगे हैं ।
ये मोहब्बत का ही असर है यार ।
नुस्ख़े नाहक आजमाने लगे हैं ।।
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