*हम भोले नहीं थे*
कितने भोले थेबचपन में हमबहल जाया करते थेखिलौनों से हम पापा बन जाते थेकभी-कभी घोडामां हो जाती म्याऊं
हम बजा कर ताली
कितना खिलाते थे !
अब जब
खेलते हैं लौग
हमें खिलौना बना कर
सरेआम हम से
हम कितने उदास हैं !
अब
समझ आता है
दूसरों की
चालाकियां देख कर
बचपन में हम
भोले नहीं
चतुर-चालाक थे !
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