उसे भूख नहीं लगती
क्यों कि मैंने कुछ नहीं खाया
वह बेचैन है
क्यों कि मुझे चैन नहीं
उसे नींद नहीं आती
क्यों कि मुझे नींद नहीं आती
उसे गुस्सा नहीं आता
क्यों कि मुझे गुस्सा आता है
वह खुश है
क्यों कि मैं खुश हूं
वह चिंतित रहती है
क्यों कि मैं चिंता नहीं करता
वह उन सम्बन्धों को ढोती है
जिनको मैं उसे सौंपता हूं
सात फेरों के बदले
अपने स्वजन को त्याग
मेरे परिजन को
अपना स्वजन स्वीकारती
अपने स्व को होम
मुझ में आ मिलती है
किसी नदी की तरह
मुझे समन्दर करती वह !
क्यों कि मैंने कुछ नहीं खाया
वह बेचैन है
क्यों कि मुझे चैन नहीं
उसे नींद नहीं आती
क्यों कि मुझे नींद नहीं आती
उसे गुस्सा नहीं आता
क्यों कि मुझे गुस्सा आता है
वह खुश है
क्यों कि मैं खुश हूं
वह चिंतित रहती है
क्यों कि मैं चिंता नहीं करता
वह उन सम्बन्धों को ढोती है
जिनको मैं उसे सौंपता हूं
सात फेरों के बदले
अपने स्वजन को त्याग
मेरे परिजन को
अपना स्वजन स्वीकारती
अपने स्व को होम
मुझ में आ मिलती है
किसी नदी की तरह
मुझे समन्दर करती वह !
उम्दा लिखा है.
जवाब देंहटाएंमुझे समंदर करती वह... वाह! क्या खूब कहा है!!
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